अब कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को निर्धारित उम्र से पहले नर्सरी, केजी और कक्षा-1 में एडमिशन नहीं दिला सकेंगे। अभी तक देखा जाता था कि माता-पिता 2 से 2.5 वर्ष के बच्चे को स्कूल में एडमिशन दिलवा देते हैं। लेकिन, इस आदेश से अब ऐसा करना संभव नहीं होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति जारी हुए 4 साल हो गए हैं। मध्यप्रदेश इस नीति को अपनाने वाला कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य है। बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एडमिशन की उम्र तय की गई है। अब स्कूल उम्र के आधार पर ही बच्चों को एडमिशन देंगे। आदेश के अनुसार प्री प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं में विद्यार्थी के एडमिशन के लिए 1 अप्रैल की स्थिति में न्यूनतम तय की दी गई है।
इस उम्र में ही मिलेगा एडमिशन
– नर्सरी के लिए न्यूनतम 3 वर्ष अधिकतम 4 वर्ष 6 माह
– Kg-1 के लिए न्यूनतम 4 वर्ष, अधिकतम 5 वर्ष 6 माह।
– Kg-2 के लिए न्यूनतम 5 वर्ष, अधिकतम 6 वर्ष 6 माह।
– कक्षा-1 के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष एवं अधिकतम 7 वर्ष 6 माह।
सख्ती से किया जाएगा पालन
बच्चों को स्कूलों में प्रवेश को लेकर अभी तक नियमों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा था। कई बच्चों को 3 साल से पहले ही नर्सरी में एडमिशन दे दिया जा रहा था। आमतौर पर प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा देखा जा रहा था। लेकिन, अब शिक्षा विभाग ने इसके लिए उम्र तय कर दी है। जिसका सख्ती से पालन किया जाएगा। अगर कोई समय से पहले अपने बच्चे को दाखिला दिलाता है तो ऐसी स्थिति में उन पर कार्यवाही की जा सकती है।
नर्सरी से लेकर पहली क्लास में एडमिशन के लिए, शिक्षा विभाग ने दी आयु-सीमा में छूट
मप्र में नर्सरी, केजी और पहली क्लास में एडमिशन के लिए शिक्षा विभाग ने पहले से तय बच्चों की आयु सीमा में अब छूट दे दी है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी करके इसकी जानकारी दी है।
इसमें नर्सरी, केजी1, केजी2 के लिए बच्चों की आयु की गणना 1 अप्रैल 2024 के स्थान पर 31 जुलाई कर दी गई है। साथ ही कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु की गणना 1 अप्रैल 2024 के स्थान पर 30 सितंबर कर दी गई है। अब 30 सितंबर तक जन्म तिथि वाले बच्चे भी कक्षा एक में प्रवेश ले सकेंगे। इससे पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा था कि पहली क्लास में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु 1 अप्रैल 2024 को 6 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए। इससे 1 अप्रैल के बाद जन्मे कई बच्चों को एडमिशन नहीं मिल रहा है।