मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है, पंखो से कुछ नहीं होता होसलो से उड़ान होती है ! ईशारों ईशारों में इंदौर का एक परिवार हाईटेक बिजनस को अंजाम दे रहा है, जी हां इंदौर में मूक बधिर कमलजीत सिंह अपने होंसलो की उड़ान भरते हुए पीछले 23 साल से अपनी फोटो कॉपी और चाय की दुकान चला रहे है बल्कि इस छोटी सी दूकान चलने में पूरी तरह से अत्याधुनिक टेक्नोलोजी का उपयोग कर रहे है, इस छोटे से कारोबार में कमलजीत चाय के आर्डर भी विडियो कांफेंसिंग और एस एम एस के थ्रू लेते है यही नहीं कभी कभी तो लेप टॉप पर मेल से भी आर्डर लेकर चाय अपने कस्टमर को भिजवाते है !
इंदौर के जंजीर वाला चोराहे पर शिल्पी फोटो कोपी की छोटी सी दुकान एक तरह से ईशारों का जीता जागता बिजनेस है। बचपन से मूक बधिर कमल जीत सिंह और उनकी पत्नी मीना कौर अपने इस फोटो कॉपी, चाय और मोबाईल रिचार्ज के छोटे से व्यवसाय का 23 साल से बखूबी संभाल रहे है बल्कि इस कार्य में वे टेक्नोलोजी का भी बखूभी इस्तेमाल कर अपनी बोलने सुनाने की कमी को अपने कार्य में आड़े भी नहीं आने देते। कमल जीत सिंह बोल और सुन सकते है तो कई लोगो को आर्डर देने या बात करने में दिक्कते आती थी लेकिन संचार तकनिकी का जबरदस्त प्रयोग से काम को आगे बढाया । सभी कस्टमर से अब वे मोबाईल पर एसएमएस से ही चाय के आर्डर लेते है तो कई बार तो एक दम लेटेस्ट तकनीक 3 जी से विडियो कांफ्रेंसिंग से भी आर्डर लेने लगे है ।
कमल जीत और उसके परिवार ने यह तो साबित कर ही दिया की मूक बधिर होने की कमी से उन्होंने कभी हार नहीं मानी इस कमी हो हथियार बना कर न सिर्फ परिवार का पेट पाला बल्कि संचार तकनिकी का उपयोग कर 5 अन्य मुक बधिर परिवारों के पालनहार बने। अब इस परिवार की योजना है की इसी प्रकार कार्य को और आगे बढाया जाये और इनके जैसे मुक बधिर लोगो को जो की काम के लिए दर दर भटकते है उन्हें रोजगार मुहैया करवाया जाये ।
हेमन्त शर्मा