दिन को सफल बनाने वाले पांच सूत्र !

हमारे सनातन ग्रंथो में बेहतर जीवन शैली जीने के कई तरीके बताएं गए हैं। हमारे ग्रंथों के अनुसार व्यक्ति की दिनचर्या में कुछ बातों का होना अतिआवश्यक है। सुबह की शुरुआत में कुछ बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। आइए, आज जानते हैं सुबह किन 5 बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

“स्नानं दानं होमं स्वाध्यायो देवतार्तनम्।
यस्मिन् दिने न सेव्यन्ते स वृथा दिवसो नृणाम्।।”

  1. स्नान-:
    स्नान मनुष्य की दिनचर्या का सबसे अहम हिस्सा है। धार्मिक पुराणों के अनुसार दिन की शुरुआत स्नान से ही होनी चाहिए। सुबह सबसे पहले स्नान करके पवित्र होने से पूरा दिन अच्छा जाता है और दिनभर ऊर्जा का संचार होता रहता है।
    स्नान प्राय सुबह सूर्योदय से पहले कर लेना चाहिए, स्नान करते समय पवित्र नदियों का मानसिक ध्यान करें।
  2. दान-:
    कई धर्म-ग्रंथों और पुराणों में दान के महत्व के बारे में बताया गया है। व्यक्ति को अपनी श्रद्धा के अनुसार रोज कुछ न कुछ दान करना चाहिए। ऐसा करने से धन-धान्य की कमी नहीं होती है और घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है।अपनी सामर्थ्य अनुसार दान जरूर करें।
    दान के रूप में आप पक्षियों को दाना और गाय को गुड़- हरा चारा इत्यादि प्रतिदिन अवश्य खिलाना चाहिए और जरूरतमंद असहाय व्यक्तियों की मदद करें।
  3. हवन या दीपक जलाना-:
    घर की सुख-शांति के लिए हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार हर किसी को अपनी दिनचर्या में हवन करने को शामिल करना चाहिए। रोज हवन नहीं कर पाएं तो भगवान और तुलसी के समक्ष गाय के घी का दीया अवश्य जलाएं।
  4. जप-:
    हमारी मान्यताओं के अनुसार पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किए गए जप से बहुत अधिक फायदा मिलता है। मनुष्य को जप करने का शुभ फल जरूर मिलता है, अतः कुछ समय अपने गुरु मंत्र या फिर इष्ट मंत्र का जप करें।
  5. देव पूजन-:
    सुबह स्नान करने के बाद भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए। पूजा के बाद भगवान को भोग भी लगाना चाहिए। नित्य नियम से पूजा करने से घर-परिवार पर भगवान की कृपा बनी रहती है। अतः रोज पूजा करने का नियम अवश्य बना लें.||

यह सनातन संस्कृति के कुछ सामान्य नियम है अतः अपनी भाग दौड़ भरी जिंदगी में से कुछ समय इन छोटी-छोटी बातों के लिए जरूर निकले, विश्वास कीजिए ऐसा करने से आपके जीवन में सुख- शांति व आत्म संतोष बना रहेगा।।

  • Related Posts

    देव प्रबोधिनी एकादशी महात्म्य, व्रत विधि एवं कथा

    हिंदू धर्म में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को अलग अलग नामों से जाना जाता है। इसे हरि प्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी, देवउठनी एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी…

    छठ पूजा विशेष (5 से 8 नवम्बर)

    कार्तिक मास की अमावस्या को दीवाली मनाने के तुरंत बाद मनाए जाने वाले इस चार दिवसिए व्रत की सबसे कठिन और महत्वपूर्ण रात्रि कार्तिक शुक्ल षष्ठी की होती है। इसी…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    सेक्स के अलावा भी कंडोम का उपयोग है?

    सेक्स के अलावा भी कंडोम का उपयोग है?

    शीघ्रपतन से छुटकारा, अपनाएं ये घरेलु उपाय

    शीघ्रपतन से छुटकारा, अपनाएं ये घरेलु उपाय

    सेक्स के लिए बाहर क्यूं मुंह मारते है पुरुष ?

    सेक्स के लिए बाहर क्यूं मुंह मारते है पुरुष ?

    गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी कैसे बचें अनचाही प्रेग्नेंसी से ?

    गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी कैसे बचें अनचाही प्रेग्नेंसी से ?

    कुछ ही मिनटों में योनि कैसे टाइट करें !

    कुछ ही मिनटों में योनि कैसे टाइट करें !

    दिनभर ब्रा पहने रहने के ये साइड-इफेक्ट

    दिनभर ब्रा पहने रहने के ये साइड-इफेक्ट