1 मुखी रुद्राक्ष के लाभ एवं महत्व
हिन्दू धर्म में एक मुखी रुद्राक्ष को बेहद प्रभावशाली बताया गया है। माना जाता है कि इसे पहनने से आध्यात्मिक उन्नति और एकाग्रता प्राप्त होती है। इसके अलावा एक मुखी रुद्राक्ष छात्र वर्ग के लिए भी बहुत लाभकारी माना जाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
गोलाकार और अर्ध चन्द्र जैसा दिखने वाला एकमुखी रुद्राक्ष बहुत ही पवित्र माना जाता है। हालाँकि गोलाकार एक मुखी रुद्राक्ष मिलना बहुत ही दुर्लभ है बाजार में जो गोलाकार एक मुखी रुद्राक्ष मिल रहा है वो सब नकली है। लेकिन आस्था के नाम पर सब कुछ बेचा जा रहा है। एकमुखी रुद्राक्ष शक्ति, ऊर्जा, सत्य और मोक्ष का प्रबल स्रोत माना जाता है । एकमुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव का स्वरुप है। इस रुद्राक्ष में साक्षात महादेव निवास करते है। इस रुद्राक्ष का स्वामी सूर्य ग्रह होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति स्वयं को भगवान शिव से जुड़ा हुआ पाता है।
एकमुखी रुद्राक्ष का ज्योतिष महत्व।।
यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो अथवा अस्त हो तो एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करना लाभदायक होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष का स्वामी सूर्य है। इसी कारण एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करनेवाले व्यक्ति के अंदर उर्जा, शक्ति और नेतृत्व क्षमता का निर्माण होता है। इसे धारण करने के बाद व्यक्ति का भाग्योदय होता है। समाज में प्रसिद्धि मिलती है। अगर किसी जातक की कुंडली में किसी क्रूर ग्रह की दशा या अन्तर्दशा चल रही है तो भी एकमुखी रुद्राक्ष को पहनना उचित होता है। इसके धारण करने से जातक चिंतामुक्त और साहसी, निडर हो जाता है। शत्रु भय से मुक्त हो जाता है।
धन-संपत्ति में वृद्धि:-
इस रुद्राक्ष में धन को चुम्बक की तरह अपनी ओर खींचने का गुण है, जो जातक इस रुद्राक्ष को धारण करता है उसे कामकाज में अच्छा धन-लाभ होता है। मान सम्मान के साथ आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है। एक मुखी रुद्राक्ष में दैवीय शक्ति समाहित होती है जिनका लाभ मनुष्य को मिलता है। इसलिए बिना संकोच इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए।
मनोबल में वृद्धि :-
जो जातक अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असमर्थ होते है तथा उनके अंदर साहस की कमी होती है और मनोबल हमेशा गिरता है ऐसे लोगों को एकमुखी रुद्राक्ष पहनना उचित होता है। इसके धारण करने से जातक चिंतामुक्त और साहसी, निडर हो जाता है। शत्रु भय से मुक्त हो जाता है। यह रुद्राक्ष मनोबल को बढाता है।
आध्यात्मिक विकास:-
एकमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद धारण करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिक इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और मन को शांति मिलती है। इस रुद्राक्ष के प्रभाव से मस्तिष्क में गलत भावनाएं उत्पन्न नहीं होती, व्यक्ति ईश्वर की शरण में जाता है, धार्मिक कार्य में रूचि बढ़ती है, जीवन सुखमय और आध्यात्म की ओर अग्रसर होता है।
करियर में सफलता:-
इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। इसे धारण करने के पश्चात करियर की चिंता से मुक्ति मिलती है, करियर बनाने में यह रुद्राक्ष अपने आप ही हमारा मार्ग प्रशस्त करता है, हमें मार्गदर्शन करता है। एक मुखी रुद्राक्ष करियर तथा व्यवसाय में सफलता दिलाने में सहायक होता है। प्रशासनिक कार्यों में किसी तरह की रूकावटे आ रही हो तो, एकमुखी रुद्राक्ष पेंडेंट के प्रभाव से वो रुकावटें अपने आप समाप्त होंगी।
एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि??
रविवार, सोमवार अथवा शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष को धारण करना शुभ होता है।
प्रातःकाल में सूर्य को ताम्बे के लोटे से जल चढ़ाएँ।
रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व एक कटोरी में गंगाजल, दूध, देसी घी, शहद और मिश्री को घोल ले और उसमे रुद्राक्ष को रख दे। ये मिश्रण की मात्रा इतनी हो की रुद्राक्ष उसमे डूब जाये।
रुद्राक्ष को जागृत करने के लिए “ॐ ह्रीं नमः”मंत्र का उच्चारण 108 बार करें। जाप करने के बाद रुद्राक्ष को गंगाजल से धो कर अपने गले में धारण कर लीजिये।