शिवपुरी (आई.डी.एस.) कलेक्टर श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकार भाई समाचार लिखते वक्त इस बात पर विशेष ध्यान दें कि खबर पूरी पुष्टि के साथ सरल एवं सीधी भाषा में लिखे जिससे जनमानस भी खबर को पढ़ एवं समझ सके। उक्त आशय के विचार कलेक्टर श्री श्रीवास्तव ने आज जिला जनसंपर्क कार्यालय शिवपुरी द्वारा शुभम् पैराडाईज होटल में आयोजित मीडिया संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डे ने की। मीडिया संवाद कार्यक्रम में जिले के विभिन्न समाचार पत्रों, समाचार चैनलों, सोशल मीडिया के जिला ब्यूरो आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर मां सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण कर किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया संवाद कार्यक्रम का आयोजन एक अच्छी पहल है, इसके माध्यम से मीडिया से जुड़े विभिन्न विषयों पर विषय विशेषज्ञों के अनुभव एवं जानकारियां जिले के पत्रकारों को प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को खबरो के साथ संविधान में उल्लेखित प्रेस से जुड़े कानूनों की जानकारी भी हासिल होनी चाहिए। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि लिपि नष्ट होगी, तो भाषा नष्ट होगी और अगर भाषा नष्ट हुई तो हमारी संस्कृति भी नष्ट हो जाएगी। इसलिए हमें अपनी लिपि पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बढ़ते हुए सोशल मीडिया को देखते हुए उसमें चुनौतियां भी बढ़ गई है। सोशल मीडिया मे कोई भी खबर भेजने के पूर्व प्रमाणितता बनाए रखना बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में नारदमुनि पत्रकार के रूप में कार्य करते थे। लेकिन उनकी हमेशा सोच सर्व जन हिताय की रही और उन्होंने कभी भी अपने स्वार्थ के लिए पत्रकारिता का उपयोग नहीं किया। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जो भी खबर लिखे वह पूरी प्रमाणितता, पुष्टि के साथ-साथ सरल एवं आम भाषा हो, जिससे आम व्यक्ति भी उसको पढ़ एवं समझ सके। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि समाचार लिखते वक्त किसी भी घटना का वे हिस्सा न बने। घटना को तथ्यों एवं प्रमाणितता के साथ दें।
पत्रकार पीड़ित व्यक्ति के साथ खड़ा होता है
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डे ने उल्लेख करते हुए कहा कि पीड़ित व्यक्ति के लिए हमेशा पत्रकार सबसे पहले खड़ा होता है और पुलिस को भी पूर्ण सहयोग करने वाला भी पत्रकार ही होता है। उन्होंने आजादी के पूर्व की पत्रकारिता का प्रकाश हुए कहा कि हमें अपनी सोच को राष्ट्रीय सोच के रूप में विकसित करनी होगी।
साक्षात्कार लेते वक्त व्यवहारिक एवं उदार बनें
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री रवीन्द्र जैन ने कहा कि एक पत्रकार विश्वविद्यालय बना सकता है, लेकिन विश्व विद्यालय एक पूर्ण पत्रकार बनाने का कार्य नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि जब न्यूज में व्यूज मिलते है, तब खबर न ही पोजीटिव होती है और न ही नेगिटिव। श्री जैन ने पत्रकारिता के विभिन्न विदाओं एवं खोजी, रक्षा, खेल आदि पत्रकारिता के क्षेत्रों का उल्ललेख करते हुए कहा कि उन्नत तकनीकी के कारण ही अधिकांश समाचार पत्रों के ई-संस्करण प्रकाशित हो रहे है। वे दिन दूर नहीं कि सभी समाचार पत्र अपने ई-संस्करण निकालना शुरू कर देंगे। उन्होंने इलेक्ट्रोनिक मीडिया से जुड़े एंकर एवं रिर्पोटर से आग्रह किया कि साक्षात्कार लेते वक्त व्यवहारिक एवं उदार बनकर लें।
पत्रकार खबर लिखते वक्त अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का भी निर्वाहन करें
श्री रिजवान सिद्धिकी ने पत्रकारों से कहा कि हमारी जिम्मेदारी खबर बनाने के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी है, उसका भी हम पूर्ण निर्वाहन करें। ऐसी खबर न दे, जिससे समाज में किसी भी प्रकार गलत असर पढ़े। उन्होंने कहा कि पत्रकार बिना विचलित होकर अपना कार्य करें। हमारा कार्य खबर देना है। विपरीत परिस्थितियों में भी खबर का कवरेज करते हुए धैर्य रखें।
पत्रकार अपने आप को अपडेट रखें
ग्वालियर से आए श्री अजीत सिंह ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में भी हमें अपने आप को अपडेट रखना होगा। लगातार लिखने-पढ़ने की भी आवश्यकता है और प्रशिक्षण भी जरूरी है।
समाज के प्रति मीडिया की अधिक जवाबदेही है
डॉ. राकेश पाठक ने कहा कि समाज के सभी क्षेत्रों में अवमूल्यन हुआ है, जिससे मीडिया का क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि तीनों स्तम्भो से अधिक समाज के प्रति जवावदेही मीडिया पर है। अतः उसे पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से निर्वाहन करें। उन्होंने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि ट्वीटर, फेसबुक और व्हाट्सप पर जो भी खबर दें, उसकी पुष्टि जरूर करें। समाचार के माध्यम से सूचना एवं तथ्यों को समाज में लाने से पहले सत्यापित जरूर कर लें। बड़े स्थानों की अपेक्षा ग्रामीण एवं छोटे क्षेत्रों की पत्रकारिता करना कठिन है। कस्बाई क्षेत्रों में रहने वाले पत्रकारों को अधिक समस्याओं का सामना करना पढ़ता है।
पत्रकार समाज को दिशा देने वाला है
श्री अतुल तारे ने कहा कि मीडिया संवाद कार्यक्रम के आयोजन को सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि इसके आयोजन से सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में हमें मूल पद्धति के साथ-साथ तकनीकी का भी उपयोग प्रत्येक पत्रकार को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एक व्यवसाय ही नहीं है, बल्कि समाज को एक दिशा देना है। श्री तारे ने कहा कि इलेक्ट्रिोनिक मीडिया के ब्रेकिंग न्यूज प्रिंट मीडिया के लिए समाचार का एक सबसे बढ़ा स्त्रोत है।
छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों से भी श्रेष्ठ पत्रकारिता की जा सकती है
पत्रकार श्री प्रमोद भार्गव ने देश के विभिन्न ख्याति प्राप्त पत्रकार डाॅ.धर्मवीर, राजेन्द्र माथुर, प्रभात जोशी आदि का हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए गए योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि छोटे स्थान एवं ग्रामीण क्षेत्र से भी श्रेष्ठ पत्रकारिता की जा सकती है। उन्हांेने कहा कि साहित्य, लेख लिखने में तकनीकी से जुड़ना भी आवश्यक है। संयुक्त संचालक ग्वालियर श्री डी.डी.शाक्यवार ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि संभाग के ग्वालियर भिण्ड, मुरैना, दतिया, अशोकनगर में जिला स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है। इसी कड़ी मंे शिवपुरी में आज कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला के शुरू में उपसंचालक जनसंपर्क शिवपुरी श्री अनूप सिंह भारतीय ने कार्यशाला के उद्देश्यों एवं आयोजन पर प्रकाश डालते हुए राज्य सरकार द्वारा पत्रकारों के कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन कवि एवं साहित्यकार श्री अरूण अपेक्षित ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार प्रदर्शन वाहन चालक श्री मोहन बाबू सोनी ने व्यक्त किया।
पत्रकारों सहित कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक का हुआ सम्मान
शिवपुरी में आयोजित मीडिया संवाद कार्यक्रम में अतिथि पत्रकारगणों में सर्व श्री रवीन्द्र जैन, रिजवान सिद्धिकी, अजीत सिंह, राकेश पाठक, अतुल तारे, प्रमोद भार्गव, अशोक कोचेटा सहित कलेक्टर श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार पाण्डे, संभागीय जनसंपर्क कार्यालय ग्वालियर के संयुक्त संचालक श्री डी.डी.शाक्यवार का शाॅल, श्रीफल एवं पुष्पाहारों से सम्मान किया।