आमने _सामने वाले तो मुझे जानते हैं …
हाँ मुझे जानने वाले तो मुझे जानते हैं …
जा हाथ थम ले जाकर किसी पराये का ..
तुझे पहचाने वाले तो मुझे जानते हैं ..
कोई दीवाना मोहब्बत में मर भी सकता है ..
ये बात मानने वाले तो मुझे जानते हैं ..
गिराने वाले तो वाकिफ नहीं हैं मुझसे अभी ..
पर मुझे थामने वाले तो मुझे जानते हैं …
कोई कुछ भी कहे जन्नत तो मुझे देनी है ..
ये मेरे मानने वाले तो मुझे जानते हैं ….
जो जानते ही नहीं कुछ वो मुझे क्या जाने ..
और सब जानने वाले तो मुझे जानते हैं ..
ये खाक छानने वालो से पूछ लो ”सतलज’ ..
ये खाक छानने वाले तो मुझे जानते हैं …
Author: Satlaj Rahat