झाड़ू लक्ष्मी का स्वरूप

झाड़ू को लक्ष्मी जी इसलिए कहते हैं क्योंकि झाड़ू को लक्ष्मी का वरदान मिला हुआ है, झाड़ू का स्थान हमारे घर में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है वह हमारे घर मैं बहुत अधिक महत्व रखती है उसी के बारे में मैं कुछ बातें बताने जा रहा हूं।

अगर कोई व्यक्ति घर से बाहर जा रहा होता है, तो उसके बाद में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। झाड़ू को घर में छुपा कर रखना चाहिए, इधर उधर कहीं भी नहीं रखनी चाहिए, किसी भी बाहर वाले व्यक्ति को आने पर झाड़ू नहीं दिखनी चाहिए ।

झाड़ू के कभी भी पैर नहीं लगाने चाहिए, और उसको सीधा खड़ा नहीं रखना चाहिए, झाड़ू में मां लक्ष्मी का वास होता है अगर गलती से कभी पैर लग भी जाए तो उसको प्रणाम करना चाहिए।

झाड़ू का हमें आदर करना चाहिए, ज्यादा पुरानी टूटी-फूटी झाड़ू का प्रयोग घर में नहीं करना चाहिए, इससे घर में रोजगार व्यवसाय में वृद्धि नहीं होती है।

नई झाड़ू का प्रयोग हमें शनिवार को ही करना चाहिए और उसे छुपा कर रखनी चाहिए। घर के मुख्य द्वार और छत पर बिल्कुल भी नहीं रखनी चाहिए ।

झाड़ू को कभी भी किचन में नहीं रखना चाहिए घर में दरिद्रता आती है, झाड़ू को कभी भी बेडरूम में नहीं रखना चाहिए इससे पति-पत्नी के बीच में झगड़े होने की पूरी संभावना रहती है।

सूर्यास्त के बाद कभी भी झाड़ू पोछा नहीं करना चाहिए, झाडू पर कभी भी गलती से भी पैर नहीं रखना चाहिए क्योंकि झाड़ू में लक्ष्मी मां का वास होता है वह मां लक्ष्मी को अति प्रिय है और उनके एक हाथ में झाड़ू रहती है।

झाड़ू को कभी भी गीली नहीं रखनी चाहिए झाड़ू से कभी भी किसी व्यक्ति या जानवर को नहीं मारना चाहिए, नए घर में अगर प्रवेश कर रहे हैं तो नई झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए ।

झाड़ू से कभी भी झुठन साफ नहीं करनी चाहिए, ना ही झाड़ू को कभी उलगना चाहिए, अमावस्या या शनिवार को पुरानी झाड़ू टूटी- फूटी झाड़ू को घर से बाहर फेंकना चाहिए।

गुरुवार या शुक्रवार को कभी भी झाड़ू को नहीं फेकनी चाहिए या घर से बाहर नहीं निकालनी चाहिए, नहीं तो मां लक्ष्मी भी घर से चली जाएगी..!

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