
बेतुकी बात होन का लिये अवखा जमाना में मशहूर नादान ने मुरख साबजादा की पार्टी का मुखिया बी उनका सरीका बेकी -बेकी बात होन करने लगिया हे। वो के हेनी कि संगत को असर नी जाय साब।कंई बोले उनखे ज भान नी हे, बस मुंडो फाड़ी ने कंई न कंई बोलनो हे। अबे ई साब कई रया हे कि कंई गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर नी होयगी। वसे इनको बी दोष नी हे, कां कि इनका माय -बाप ने सनातन संस्कृति ने धरम को ज्ञान ई नी दियो, तो ये बापड़ा कंई जाने गंगा मैया को प्रताप। इनके तो धरम अफीम को नशो लगे। वामपंथी कीड़ा होन इनके चाबी भरे ने ई खिलौना की तरे डम -डम बजने लगे, ने फिर वे इनकी डम -डम पे ताली बजाय। ई सनातन विरोध की घुट्टी पी ने बड़ा हुआ हे,इका वास्ते इनके अकल को अजिरन होतो रे हे।दूसरा धरम का लोगना के असो ज्ञान बाँटी ने देखो, तमारा में हिम्मत होय तो। पण वोट का लालच ने तमारो मुंडो सीली ने रखियो हे। हिन्दू धरम सहिष्णु हे, इका वास्ते तमारी बेतुकी बात होन के सेन कर ले। तमने तो गंगा में डुबकी नी लगई नी ? फिर बी इत्ता साल तक गरीबी दूर नी करी पाया ? बस, गरीबी हटाव को नारो उछालता रया। तमारी बात पे कसे विश्वास कर लाँ। जद मन पड़े जद टीका ने जनेऊ को नाटक बंद करो क्यव कि तम इनके धारण करने का योग्य नी हो। ने हाँ, माफी मांगने की नौटंकी मत करो। तमारे तो परमेशर कदी माफ नी करेगो।गंगा मैया तो ना कदी गंदी थी ने नीज होयगी, तमारा मन ई गंदा हे। गंगा मैया तो भोत बड़ा मन की हे। अबी बी टेम हे, महाकुंभ चली रयो हे, अपना कुनबा का साते जई ने डुबकी लगय आव, तो तमारो बचियो जीवन सुदरी जायगो ने शायद मोक्ष बी मिली जायगो।गरीबी तो जद दूर होयगी, तब होयगी पण गंगा मैया तमारा पाप जरूर धोय देगी, बस हिम्मत करी ने डुबकी मार दो।
लेख़क :- रजनीश दवे