न्यायालय में एक मुकद्दमा आया, जिसने सभी को झकझोर दिया | अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|एक 70 साल के बूढ़े व्यक्ति ने, अपने 80 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था|मुकद्दमे का कुछ यूं था कि ‘मेरा 80 साल का बड़ा …
Read More »मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ..
मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ… क्या पता की हम खुद ही किसके भाग्य से खा रहे हैँ…?? एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक …
Read More »कभी किसी का विश्वास ना तोड़ें !
एक डाकू था जो साधु के भेष में रहता था। वह लूट का धन गरीबों में बाँटता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का जुलूस उस डाकू के ठिकाने से गुज़र रहा था। सभी व्यापारियों को डाकू ने घेर लिया। डाकू की नज़रों से बचाकर एक व्यापारी रुपयों की थैली लेकर नज़दीकी तंबू में घुस गया। वहाँ उसने एक साधु को …
Read More »“एक पिता का करवाचौथ पर बेटी को लिखा गया पत्र”
प्रिय पुत्री, तू ससुराल में ख़ुश होगी । सारा समाज करवाचौथ का त्यौहार मनाने जा रहा है और सभी सुहागन स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखेंगी। तेरी शादी के बाद यह पहला करवाचौथ है और शायद तू भी अन्य औरतों की तरह व्रत रखेगी मेरे मन में इस विष्य पर कुछ विचार आये सो तुम्हें पत्र …
Read More »अभियंता दिवस विशेष..
ब्रिटेन में एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था। डिब्बा अंग्रेजों से खचाखच भरा हुआ था। वे सभी उस भारतीय का मजाक उड़ाते जा रहे थे। कोई कह रहा था, देखो कौन नमूना ट्रेन में बैठ गया। तो …
Read More »रामायण” क्या है ?
“रामायण” भोग की नहीं…. त्याग की कथा हैं..!अगर कभी पढ़ो और समझो तो आंसुओ पे काबू रखना…रामायण का एक छोटा सा वृतांत है, उसी से शायद कुछ समझ सको… एक रात की बात हैं, माता कौशल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर किसी के चलने की आहट सुनाई दी।नींद खुल गई, पूछा कौन हैं ? मालूम पड़ा …
Read More »ड्रिंक एंड ड्राइव
माँ मैं एक पार्टी में गया था।तूने मुझे शराब नहीं पीनेको कहा था, इसीलिए बाकी लोग शराब पीकर मस्ती कर रहे थे और मैं सोडा पीता रहा।लेकिन मुझे सचमुच अपने परगर्व हो रहा थामाँ, जैसा तूने कहा था कि ‘शराब पीकरगाड़ी नहीं चलाना’। मैंने वैसा ही किया।घर लौटते वक्त मैंने शराब को छुआ तक नहीं, भले ही बाकी दोस्तों नेमौजमस्ती …
Read More »बुरा जो देखन मैं चला….
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात जब हमारी काम वाली मेहरी को पता चले तो वो गुस्से से भर गई. अपनी कमर पर साड़ी बांधते हुए बोली, “मेरे जैसी हो तो चप्पल ही चप्पल दे मारे उन नासमिटो को ? बड़े आये औरतों को औकात में रखने वाले…….” बडबडाते हुए वह अपने थर्ड हैण्ड मोबाईल पर “सनम बेवफा….” गाना चलाकर कचरा बुहारने …
Read More »बुराइयों के राक्षस से कैसे बचें…?
एक महात्मा जी कहीं जा रहे थे। मार्ग में वह विश्राम करने के लिये रुके। एक पेड के नीचे लेट कर सो गये नींद में उन्होंने एक स्वप्न देखा कि. “वे मार्ग में जा रहे हैं ,और उन्हें एक व्यापारी मिला, जो पांच गधों पर बड़ी- बड़ी गठरियां लादे हुए जा रहा था। गठरियां बहुत भारी थीं, जिसे गधे बड़ी …
Read More »तुलसी कौन थी?
तुलसी (पौधा) पूर्व जन्म में एक कन्या थी इसका नाम वृंदा था, राक्षस कुल में ईसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी. बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी। जब वह बड़ी हुई तो इसका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था, …
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