भक्ति और शक्ति का बेजोड़ संगम हैं पवन पुत्र
जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी कोई विरोधी परेशान करता है तो कभी घर के किसी सदस्य को बीमार घेर लेती है। इनके अलावा भी जीवन में परेशानियों का…
हनुमान जी से सीखिये सफलता पाने के सूत्र
वर्तमान में हर मनुष्य को अपने जीवन काल में सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना होता हैं क्योंकि बिना संघर्ष के सफलता नहीं पाई जा सकती है। इसका सबसे…
वास्तु में सूर्य का महत्त्व
सूर्य, वास्तु शास्त्र को प्रभावित करता है इसलिए जरूरी है कि सूर्य के अनुसार ही हम भवन निर्माण करें तथा अपनी दिनचर्या भी सूर्य के अनुसार ही निर्धारित करें।किसी भी…
आपका हस्ताक्षर बना सकता हैं आपका भाग्य
हस्ताक्षर (दस्तखत /सिग्नेचर) किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का संपूर्ण आइना होता है अत: व्यक्ति के हस्ताक्षर में उसके व्यक्तित्व की सभी बातें पूर्ण रूप से दिखाई देती है। इस…
ह्रदय रोग के ज्योतिष कारण एवं उनका निवारण
सभी जानते हैं कि कुण्डली का छठा भाव रोग का होता है तथा छठे भाव का कारक ग्रह मंगल होता है। द्वितीय (मारकेश), तृतीय भाव, सप्तम भाव एवं अष्टम भाव(मृत्यु)…
22 नवम्बर 2014 को शनि अमावस्या (शनिचरी अमावस्या )
सभी जानते हैं की मार्गशीर्ष अमावस्या का एक अन्य नाम अगहन अमावस्या भी है. इस अमावस्या का महत्व कार्तिक अमावस्या से कम नहीं है. जिस प्रकार कार्तिक मास की अमावस्या…
कालभैरव अष्टमी 14 नवम्बर 2014 (शुक्रवार) को
शिव अवतार कहे जाने वाले कालभैरव का अवतार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ। इस संबंध में शिवपुराण की शतरुद्रासंहिता में बताया गया है शिवजी ने कालभैरव…
शनि वृश्चिक राशि में
वर्तमान में शनि वृश्चिक राशि में चल रहा हैं और रहेगा। इस कारण शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढय्या की स्थितियां बदल गई हैं। शनि एक राशि में करीब…
शनि का प्रवेश वृश्चिक राशि में
शनिदेव जब राशि परिवर्तन करते है तब दो राशियो पर ढैया तथा तीन राशियो पर साढेसाती का प्रभाव शुरू होता है । एक साथ में पाँच राशियो को विशेष रूप…
वास्तु शास्त्र की उपयोगिता
वास्तुशास्त्र भारत का अत्यन्त प्राचीन शास्त्र है। प्राचीन काल में वास्तुकला सभी कलाओं की जननी कही जाती थी। आज भी जितने भवन और बिल्डिंग आदि बन रही है अधिकांश में…