स्वादिष्ट भोजन में कंकड़ की तरह है कर्नाटक का हिंदी विरोध ….!!

” हिंदी दिवस के लिए विशेष … “ छात्र जीवन में अनायास ही एक बार दक्षिण भारत की यात्रा का संयोग बन गया। तब तामिलनाडु में हिंदी विरोध की बड़ी…

रेल हादसों से क्या सीखा हमने …

एस- सात कोच की बर्थ संख्या 42 व 43 । 12477 पुरी – हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस में यही हमारी सीट थी। जिससे एक दिन पहले ही हम झांसी पहुंचे थे।…

कैसी – कैसी आजादी …!

फिर आजादी … आजादी का वह डरावना शोर सचमुच हैरान करने वाला था। समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यह कैसी आजादी की मांग है। अभी कुछ महीने…

मोदी राज में कितनी बदली भारतीय रेल …!

​अक्सर न्यूज चैनलों के पर्दे पर दिखाई देता है कि अपनी रेल यात्रियों के लिए खास डिजाइन के कोच बनवा रही है। जिसमें फलां – फलां सुविधाएं होंगी। यह भी…

कांवड़ यात्रा पर किच – किच क्यों ?

बचपन के दिनों में श्रावण के महीने में अपने शहर के नजदीक से बहने वाली नदी से जल भर कर प्राचीन शिव मंदिर में बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किया करता…

योगी राज में कितना बदला उत्तर प्रदेश

यह विचित्र संयोग रहा कि सात साल बाद विगत मार्च में जब मेरा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में जाना हुआ तब राज्य में विधानसभा के चुनाव अपने…

समय की रेत, घटनाओं के हवा महल …!

बचपन में टेलीविजन के पर्दे पर देखे गए दो रोमांचक दृश्य भूलाए नहीं भूलते। पहला क्रिकेट का एक्शन रिप्ले और दूसरा पौराणिक दृश्यों में तीरों का टकराव। एक्शन रिप्ले का…