क्यूँ मै भर चली

पलकों की कोर में..नैनों के छोर में.. अटका हुआ है..पारदर्शी एक बबूला.. अनमोल मोती..सतरंगी एक ख्वाब. समेटे हूँ…बिखर न जाये कहीं,,, लुढ़क न जाये कहीं,,रुखसार पे…. स्वप्न सलोना मचल रहा…

दिल्ली तक बुलवाओगे

क्या भारत माँ की छाती पर चीनी झंडा लहराओगे. वो घर मे घुसकर बैठे हैं क्या दिल्ली तक बुलवाओगे. कद भी जिनका छोटा है अपने जवान की छाती से. बैठे…

दिल्ली की गुड़िया

दिल्ली की गुड़िया के नाम… सीखनी थी अभी जिसे अस्मिता की परिभाषा. उसकी अस्मिता को तार-तार करके छोड़ा है.. तन में साँसे अब चले भी तो क्या है. मन से…

तुम क्यों सोचोगे

कितनी बेबस कितनी लाचार जीवन जीना है दुश्वार क्या भूलकर भी तुमने कभी पल भर को सोचा तुम क्यों सोचोगे क्योंकि तुम तो छलते आये हो युगों युगों से ….…

परीक्षा

परीक्षाओ का शुरू हो गया , नींद में खलल पड़ी है । टी .वी .,पी .सी .बंद हुए, खेल कूद सब रद्द हुए । आई इम्तहान की बेला है ।…

इंतजार

तकती रही राह मै तेरी ,, करती रही इंतजार , मै तेरी , बीते दिन , कटे महीने , गुजर गए , अब ,जाने, कितने साल , खामोश हो गई…

नारी तुम केवल श्रद्धा हो!

माँ हो तुम, बहन हो, प्रेयसी हो, अर्धांगिनी हो, तुमने ही जन्मा और जीना सिखाया, फिर पुरुष को तुम्हे सताने का विचार भी क्यों आया ! तुम्हारे समर्पण को मैंने…

एक दिन का भजन कीर्तन

आज महिला दिवस है सोच रही हूँ खुद को क्या लिखूं ? मान लिखू, सम्मान लिखूं चीत्कार लिखूं , दुत्कार लिखूं सहनशील या प्यार लिखूं या फिर सवाल लिखूं ?…

बस एक ही तमन्ना है

दिखा दो कोई एक घर… जिसमे परेशानी ना हो..। खाते हो सब एक थाली मे… रोटियो मे बेईमानी ना हो.. मज़हब ना नज़र आए.. .ढूंढ लाओ एक कस्बा कोई.. मतलब…

क्या लाया था साथ में

जो आया वो जाएगा, दुनिया एक सराय कोई आगे चल दिया, कोई पीछे जाय। क्या लाया था साथ में, क्या जाएगा साथ आना खाली हाथ है, जाना खाली हाथ। सुख…