घर का अवेराय नी, बायर वाला की सेवा का चोंचला
मनख का दो रूप रे हे। हाथी का दांत सरीका, खाने का अलग ने दिखाने का अलग। दुनिया का आगे मनख वे सगला खटकरम करे, जो उका वास्तविक जीवन में…
जनता ने झाड़ू फेर दी
भेरू दादा सुबे-सुबे मिली गया। म्हारा से हात मिलायो तो केने लगिया बाबू दादा, तम भोत ठंडा हुई रया हो। म्हने उनके टोकियो कि दादा, म्हारा हात ठंडा हुई रया…