सवा सौ साल पहले पांव पेटी थी पियानो समान

जो वाद्य देखे सुने नहीं, उन्हें सब देख सकें यह अवसर जुटाया है गौतम काले ने अाज शास्त्रीय संगीत की महफिल में जो हारमोनियम हाथ से बजाया जाता है एक…

टांगा क्या किसी को उल्टा !

एक महीना तो हो गया । खबरों में तो कहीं सुनने देखने में नहीं आया कि सीएम ने किसी कलेक्टर, कमिश्नर को उल्टा टांगा हो। हां जिलों में कलेक्टरों, हर…

मंत्रिमंडल का विस्तार….

रविश कुमार ज्यादातर पत्रकारों के प्रिय हैं तो आभासी दुनिया के बड़े हिस्से की आंखों में खटकते भी हैं।यह लेख मूलत: रवीश कुमार के ब्लॉग कस्बा पर प्रकाशित हुआ है।समर्थक…