पुष्प
सुन्दरता है पुष्प की उसकी सुरभि से पहन विविध रंगों के परिधान मुस्कुरातें हैं… काँटों में खिलखिलाते हैं चमकता सूरज… गरजता गगन… बावरी पवन रोक नही पाती… इसकी सहज मुस्कान…
अहसास
आओ फिर से जिएँ, सपने को जीवन में बदलने और जीवन को सपने में ! चलो फिर एक बार लिखे, खुशबू से भरे भीगे ख़त ! जिन्हें पढ़ते-पढ़ते भीग जाते…
प्यार आया
सुप्त अभिलाषाओं को नेहिल स्पर्श से जगाया शुष्क डालियों में… नवजीवन का सुमन खिलाया भीगी पलकों के अश्कों को तुम्हारे एहसासों की तप्त साँसों ने सुखाया उलझी लटों… अल्कों को…
वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया सबकी आँखों का तारा मन ही मन क्यों जले राधिका ! मोहन तो सब का प्यारा, वृन्दावनका. . . . जमुना तट पर नन्द का लाला…
जन्नत
वोह जन्नत की कोई हूर थी, जिसकी हर अदा थी मुख़्तसर ! उसकी झील सी नीली आँखों में, मैं बेख़ौफ़ डूबा रहा उम्र भर ! जिसकी मोहब्बत करती रही, मेरी…
गुंजाइश
गुनाहों के आसमान से, आज अंधेरों की बारिश है ! ज़ख्म से तड़पते उजालों की, मुसलसल रहम की गुजारिश है !! सरपरस्त बने कातिलों की, बहुत ही बेरहम ख्वाहिश है…
बेटी
घर की सब चहल – पहल है बेटी, जीवन में खिला कमल है बेटी ! कभी धूप गुनगुनी सुहानी, कभी चंदा शीतल है बेटी !! शिक्षा, गुण संस्कार रोप दो,…
गैस सिलिंडर
जनता से बोली… डायन महंगाई… सुन रे भारत माता की संतान जादू काला पढ़ दिया है अब सब होंगे बर्बाद सब होंगे बरबाद अब न कुछ पिए न खाए फैलाउंगी…
किशोर मन की पीड़ा
ले लीजिए एक बार में, जो चाहे मेरा इम्तिहा. मुझसे बार-बार की ये, आज़माइश नहीं होती. दिल के ज़ज़्बे, मेरी आँखो मे पढ़कर देख लो. सरेबाज़ार मुझसे इनकी, नुमाइश नहीं…
रूठो मत
रूठो मत… बटवारा कर लो, रंगीन टुकड़े चूडियो के तुम रख लो, सूखे सुर्ख गुलाब मै रख लेती हूँ ! रेत से चुने शंख सीपी तुम ले लो, ठंडी हवाओं…