बासन्ती बयारों के संग आये रंग, फ़ागुण में छाए और जमकर बरसे अगले बरस फिर लौटकर आने का वादा कर छोड़ गए अपनी रंगत चौक-चौबारों, गली-मोहल्लों में छोड़ गए अपने निशान, देह पर छोड़ी छाप घर-आँगन, मन आँगन में अक्स छोड़ गए रंग रंग… अब बिदा भये। अगले बरस फिर से लौटकर आने का वादा कर अलविदा हुए रंग। जो …
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नेह, प्रेम, अपनत्व ले, आया होली पर्व । हृदय-ह्रदय से मिल रहे, रंग कर रहे गर्व ।। अंतर्मन में हर्ष है, मन में है उल्लास । शोक रहे न शेष अब, बिखरे केवल हास ।। संस्कार पलनें लगें, गूजें ऐसे गीत । प्रीति-प्यार के बंध में, बंधना हमको मीत ।। कदम-कदम मिल बढ़ चलें, मिलें हाथ से हाथ । कृष्ण …
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