“एक दौड़ १०० गॉंवों की ओर” कार्यक्रम की सिल्वर जुबली के उपलक्ष में दौड़ का कार्यक्रम

हमारे शहर इन्दौर में कई ऐसे लोग हैं जो अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हैं और प्रतिदिन उनकी भोर सुबह की दिनचर्या मार्निंग वॉक, मॉर्निंग रन या मॉर्निंग सायक्लिंग से…

रंग… अब बिदा भये

बासन्ती बयारों के संग आये रंग, फ़ागुण में छाए और जमकर बरसे अगले बरस फिर लौटकर आने का वादा कर छोड़ गए अपनी रंगत चौक-चौबारों, गली-मोहल्लों में छोड़ गए अपने…

माफ करना बाबा महांकाल..

हमें माफ कर देना बाबा महांकाल, हम आपकी चौखट तक तो आ सकते हैं, लेकिन आपके गरीब भक्तों के लिए गर्भगृह में प्रवेश संभव नहीं होगा। उज्जैन नगरी के राजा…

आज़ादी अब एक क्लिक पर…

अपनी हुकूमत के दौर में अंग्रेज़ हमारे देश में बहुत मज़े में रहे होंगे। हालाँकि हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने उन्हें कभी चैन से रहने नहीं दिया, लेकिन फिर भी…

आत्महत्या, आत्मदाह या हत्या…? ये कैसा तिलस्म….जो कभी टूटता ही नहीं…..?

एक बार फिर मैं हाज़िर हूँ आप सुधि जल्वेदारों का “जलवा तड़तड़ी” लेकर…. आज हम बात करेंगे फिर उसी तिलस्म की जो टूटने का नाम ही नहीं ले रहा है….…

आप न्यायाधीश हैं, निर्णय करना आपका काम है

न्यायालय में एक मुकद्दमा आया, जिसने सभी को झकझोर दिया | अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही…

मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ..

मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ… क्या पता की हम खुद ही किसके भाग्य से खा रहे हैँ…?? एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया…

जाने इंदौर का इतिहास आज स्थापना दिवस पर

आज इंदौर का जन्मदिन है इंदौर की स्थापना की भूली हुई कहानीयह तब की बात है, जब इंदौर में होल्कर नहीं आए थे। आज से लगभग 300 साल पहले ‘स्पेशल…

“याद”

‘याद’ का ना होना ‘भूलना’ नहीं हैजैसे सुख का ना होना दुख नहीं हैऔर उम्मीद का ना होना नाउम्मीदी से अलग है एक समय के बादहोने और ना होने के…

कभी किसी का विश्वास ना तोड़ें !

एक डाकू था जो साधु के भेष में रहता था। वह लूट का धन गरीबों में बाँटता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का जुलूस उस डाकू के ठिकाने से गुज़र…