भगवान विष्णु ने क्यों लिया कच्छप अवतार

शास्त्रों के अनुसार असुरों के राजा दैत्यराज बलि के काल में असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे क्योंकि उन्हें दैत्य गुरु शुक्राचार्य की भी महाशक्ति प्राप्त थी। देवता, दैत्यों की…

दुःख और सुख

पाप से मन को बचाये रहना और उसे पुण्य में प्रवृत्त रखना यही मानव जीवन का सबसे बड़ा पुरुषार्थ है। एक बहुत अमीर सेठ थे। एक दिन वे बैठे थे…

प्रभु कृपा दिखाई नही देती लेकिन होती जरूर है

एक औरत रोटी बनाते बनाते “ॐ नम: शिवाय ” का जाप कर रही थी… अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते करते ही!!…

सत्यसनातनधर्मो विजयतेतराम् – रक्षाबंधन पर्व इतिहास के वातायन से

भारतीय प्राचीन त्योहारों में रक्षाबंधन का विशिष्ट स्थान है। रक्षा-बंधन का अर्थ है – रक्षा का बंधन। रक्षाबंधन एक सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक…

सर्वप्रथम किसने बांधी राखी किस को और क्यों…?

पौराणिक शास्त्रों में ऐसा वर्णन है जो 100 अश्वमेध यज्ञ पूर्ण कर लेता है उसे इंद्र का पद मिल जाता है, ये रघुकुल के धर्मात्मा महाराज दिलीप ने भी किये…

द्रुपद और द्रोणाचार्य

द्रोणाचार्य से बदला क्यों लेना चाहते थे राजा द्रुपद, क्यों चाहते थे द्रोणाचार्य को मारने वाला पुत्र.. महाभारत में पृषत नाम के एक राजा भरद्वाज मुनि के मित्र थे। उनके…

२०२३ की सबसे शानदार कविता

एक अकेला पार्थ खडा है भारत वर्ष बचाने को।सभी विपक्षी साथ खड़े हैं केवल उसे हराने को।।भ्रष्ट दुशासन सूर्पनखा ने माया जाल बिछाया है।भ्रष्टाचारी जितने कुनबे सबने हाथ मिलाया है।।समर…

प्रभु की प्राप्ति किसे होती है..?

एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने ठाकुर जी की बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ और याद करता था। एक…

रंग… अब बिदा भये

बासन्ती बयारों के संग आये रंग, फ़ागुण में छाए और जमकर बरसे अगले बरस फिर लौटकर आने का वादा कर छोड़ गए अपनी रंगत चौक-चौबारों, गली-मोहल्लों में छोड़ गए अपने…

बाली का अहंकार

बाली किष्किंधा का राजा था। वह इंद्र का धर्म पुत्र, वृषराज का जैविक पुत्र, सुग्रीव का बड़े भाई और अंगद का पिता अप्सरा तारा के पति था। बाली को वरदान…